हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13 मई : 2025,
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कानपुर में तैनात तत्कालीन एसीपी मोहसिन खान के निलंबन पर फिलहाल अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने यह आदेश याची मोहसिन खान द्वारा दायर सेवा संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी।
याचिका में मोहसिन खान की ओर से अधिवक्ता ने तर्क दिया कि निलंबन आदेश सेवा नियमों के तहत उचित नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम 29 का हवाला देते हुए कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी, पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी महिला से विवाह करता है तो वह कदाचार माना जाएगा, लेकिन केवल शारीरिक संबंध होना कदाचार की श्रेणी में नहीं आता है।
याची के विरुद्ध कानपुर नगर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में एक महिला द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें महिला ने मोहसिन खान पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया है। हालांकि, याची के अधिवक्ता का कहना है कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट पहले ही आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगा चुका है।
एडीजीपी की संस्तुति पर भी सवाल
याची की ओर से यह भी कहा गया कि अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) ने 6 मार्च 2025 को बिना स्वतंत्र रूप से विचार किए निलंबन की संस्तुति दी, जो प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है। इस आधार पर भी निलंबन आदेश को चुनौती दी गई।
न्यायालय की प्रारंभिक सहमति
कोर्ट ने प्रथम दृष्टया याची के तर्कों से सहमति व्यक्त की और कहा कि सेवा नियमों की व्याख्या का विषय गंभीर है, जिस पर विस्तार से विचार किया जाना आवश्यक है। इसी आधार पर कोर्ट ने निलंबन पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।