हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
दिल्ली में धमाके के बाद अलीगढ़ पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। जिले में पूर्व में पकड़े गए आतंकियों और उनके नेटवर्क की दोबारा जांच की जा रही है। एनआईए, एटीएस और स्थानीय पुलिस ने गोपनीय स्तर से निगरानी बढ़ा दी है। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट या अफवाह फैलाने वालों पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक के अनुसार, जिलेभर में चेकिंग अभियान चलाया गया है। पुलिस की विशेष टीमें संवेदनशील इलाकों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पैदल गश्त कर रही हैं। सोशल मीडिया सेल को भी सक्रिय किया गया है।
अलीगढ़ का आतंक से पुराना नाता रहा है। वर्ष 1992 में कश्मीर से आए शाल के गद्दर में एके-56 पकड़ी गई थी। 1998 में एएमयू में छिपे आतंकी की सूचना पर कार्रवाई के दौरान एक आइबी इंस्पेक्टर की मौत हुई थी। 2013 में अफजल गुरु को फांसी के बाद एएमयू में विरोध हुआ था। 2018 में छात्र मन्नान आतंकवादी बन गया था, जबकि 2020 में सिमी से जुड़े अब्दुल्ला दानिश को पकड़ा गया था। इन पुराने मामलों के मद्देनज़र अब पुलिस फिर से पुराने नेटवर्क की छानबीन कर रही है ताकि किसी नई साजिश को नाकाम किया जा सके।















