लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि बीते आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने विकास की नई ऊँचाइयाँ छुई हैं। उन्होंने दावा किया कि 2017 से पहले प्रदेश में न तो निवेश का माहौल था और न ही बेहतर बुनियादी ढांचा। कानून व्यवस्था की स्थिति खराब थी और सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता नहीं थी। मगर आज यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है।
सीएम योगी ने बताया कि राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) 2017 के बाद तेजी से बढ़ी है और यह जल्द ही तिगुनी होकर लगभग 36 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय 52 हजार रुपये से बढ़कर 1.20 लाख रुपये के आसपास पहुँच चुकी है। प्रदेश में अब तक 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से करीब 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएँ धरातल पर उतरी हैं। इनसे लगभग 60 लाख युवाओं को रोजगार मिलने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यूपी एक्सप्रेस-वे के बेहतरीन नेटवर्क से जुड़ चुका है, जिससे न केवल उद्योगों को गति मिल रही है बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिला है। उन्होंने विशेष रूप से अयोध्या, काशी, लखनऊ, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद और गोरखपुर का जिक्र करते हुए कहा कि इन शहरों का चेहरा पूरी तरह बदल गया है।
योगी ने यह भी कहा कि विकास का लाभ बिना किसी भेदभाव के हर नागरिक तक पहुँचाया जा रहा है। “पहले नौकरी और योजनाओं में सेंध लगती थी, लेकिन आज यूपी की धारणा पूरे देश और दुनिया में बदल गई है।” उन्होंने जनप्रतिनिधियों से “विकसित यूपी @ 2047” के विज़न को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
सीएम योगी के मुताबिक, यूपी अब बीमारू राज्यों की छवि से निकलकर निवेश और विकास का हब बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।















