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जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ एनकाउंटर में एक जवान शहीद, दो आतंकी ढेर

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 22 मई : 2025

किश्तवाड़/जम्मू, 22 मई 2025 — जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के छतरू क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान एक भारतीय जवान शहीद हो गए। यह मुठभेड़ शिंगपुरा इलाके में बुधवार सुबह शुरू हुई, जब आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। अभियान के दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला। इस पूरे ऑपरेशन को सेना ने ‘ऑपरेशन त्राशी’ नाम दिया है।

भारतीय सेना की व्हाइट नाइट कोर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि गोलीबारी अब भी जारी है और इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सेना के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान घायल हुए एक जवान को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।

अधिकारियों के मुताबिक, मुठभेड़ वाले इलाके में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तीन से चार आतंकियों के छिपे होने की सूचना है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और अभियान को अंजाम देने में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा रही है।

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान को राज्यभर में और तेज कर दिया गया है। यह ऑपरेशन खास तौर पर 22 अप्रैल की उस वीभत्स घटना के बाद और सख्त हुआ है, जब लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी।

इस हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) पर भारी मोर्टार गोलाबारी की गई, जिसमें करीब 200 घर और दुकानें पूरी तरह से तबाह हो गए। इस गोलाबारी के चलते सैकड़ों सीमावर्ती नागरिकों को अपने गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा।

सेना अभी भी पुंछ, राजौरी, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में पाकिस्तानी गोलाबारी का जवाब देने और आतंकियों की घुसपैठ को रोकने में जुटी है। हालात सामान्य करने के लिए प्रशासन और सेना लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग अभी तक अपने घरों को पूरी तरह लौट नहीं सके हैं।

भारत ने 12 जून को भारत-पाकिस्तान के DGMOs (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) द्वारा तय किए गए युद्धविराम समझौते को मानने की सहमति दी थी। लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा है कि यह समझौता तब तक ही लागू रहेगा, जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देना बंद नहीं करता।

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारत का रुख सख्त होता जा रहा है। किश्तवाड़ में चल रहे ‘ऑपरेशन त्राशी’ से यह स्पष्ट है कि भारतीय सुरक्षा बल अब आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए निर्णायक कार्रवाई कर रहे हैं। शहीद जवान की कुर्बानी को देश सलाम करता है, और पूरे देश की निगाहें इस अभियान के सफल समापन पर टिकी हैं।

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