हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: गुरुवार 19 जून 2025 लखनऊ
लखनऊ। नागरिक पुलिस में भर्ती हुई महिला सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण निदेशालय ने विशेष गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत यदि कोई महिला सिपाही प्रशिक्षण के दौरान गर्भवती पाई जाती है, तो उसे तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसी महिला प्रशिक्षुओं को डिलीवरी के एक साल बाद अगली प्रशिक्षण सत्र में शामिल किया जाएगा।
नवीन आरक्षी नागरिक पुलिस (सीधी भर्ती/मृतक आश्रित) आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी महिला सिपाही की प्रशिक्षण अवधि साढ़े चार माह से कम रही हो, तो उसे पूरा प्रशिक्षण नए सिरे से लेना होगा। जबकि साढ़े चार माह से अधिक प्रशिक्षण पूरा कर चुकी महिला को उसी स्तर से प्रशिक्षण दोबारा शुरू करवाया जाएगा, जहां से उसने छोड़ा था।
महिला सिपाहियों को प्रशिक्षण में शामिल होने से पहले मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र देना अनिवार्य किया गया है। यदि प्रशिक्षण शुरू होने के एक वर्ष के भीतर किसी महिला ने प्रसव कराया है, तो उसे जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से फिटनेस प्रमाणपत्र लेना होगा। राज्य के बाहर की महिला सिपाहियों को प्रशिक्षण संस्था के जिलाधिकारी क्षेत्र के सीएमओ से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
इसके अलावा, यदि किसी महिला को प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या प्रशिक्षण के दौरान गर्भपात होता है, तो वह केवल सीएमओ द्वारा मेडिकल फिट घोषित किए जाने के बाद ही प्रशिक्षण में शामिल हो सकेगी।
गौरतलब है कि नागरिक पुलिस के सिपाही पद पर कुल 60,244 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनमें 12,048 महिलाएं हैं।