हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
बिहार: पटना। बिहार में चुनावी माहौल जैसे-जैसे गर्म हो रहा है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार लगातार नई-नई घोषणाएं कर रही है। मंगलवार को सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के रसोइयों, नाइट गार्डों, शारीरिक शिक्षकों, स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। साथ ही आशा और ममता कार्यकर्ताओं को भी राहत देते हुए उनकी प्रोत्साहन राशि में इजाफा किया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बड़ा तोहफा
नीतीश सरकार ने जिन चार श्रेणियों के मानदेयों में दोगुनी बढ़ोतरी की है, उनमें शामिल हैं:
- रसोइया (Mid-Day Meal Workers):
पहले ₹1650 मिलते थे, अब ₹3300 मिलेंगे। - नाइट गार्ड:
पहले ₹5000 मानदेय था, अब ₹10,000 मिलेगा। - शारीरिक शिक्षक (Physical Education Instructor):
पहले ₹8000 मिलते थे, अब ₹16,000 मिलेंगे। - स्वास्थ्य अनुदेशक:
इनका मानदेय भी ₹8000 से बढ़ाकर ₹16,000 कर दिया गया है।
सरकार का कहना है कि इन वर्गों के लोग लंबे समय से सेवा दे रहे हैं और अब उन्हें सम्मानजनक मानदेय दिया जा रहा है, ताकि वे अधिक मनोयोग से कार्य कर सकें।
सीएम नीतीश ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर दी जानकारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) के जरिए साझा की। उन्होंने लिखा:
“नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से हम लगातार बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में लगे हैं। वर्ष 2005 में शिक्षा का बजट ₹4366 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹77690 करोड़ हो गया है। हमने बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की, स्कूल भवनों का निर्माण कराया और आधारभूत संरचना को मजबूत किया है।”
आशा और ममता कार्यकर्ताओं को भी राहत
इससे पहले नीतीश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र की दो प्रमुख महिला कार्यरत श्रेणियों – आशा और ममता कार्यकर्ताओं – के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की थी।
- आशा कार्यकर्ता:
पहले ₹1000 प्रोत्साहन राशि मिलती थी, अब ₹3000 मिलेगी। - ममता कार्यकर्ता:
पहले प्रति प्रसव ₹300 मिलते थे, अब ₹600 दिए जाएंगे।
सरकार का कहना है कि इससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक मजबूत होंगी, और इन कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ेगा।
चुनावी नजरिए से भी अहम मानी जा रही है घोषणा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और यह घोषणाएं सीधे तौर पर राज्य के लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को प्रभावित करेंगी। इसका असर आगामी चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा और स्वास्थ्य
नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्राथमिकता में हैं। बिहार की जनसंख्या को देखते हुए, आधारभूत ढांचे और मानवीय संसाधनों की मजबूती आवश्यक है, जिस दिशा में लगातार काम हो रहा है।