हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
प्रदेश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को “उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025” को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी दी। इस अध्यादेश के तहत राज्य सरकार ने करीब 10 प्रमुख अधिनियमों में 99% आपराधिक प्रावधान समाप्त कर दिए हैं। अब छोटे-छोटे उल्लंघनों पर जेल की सजा की जगह आर्थिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई की व्यवस्था होगी। इसका उद्देश्य निवेशकों को आसान व्यापारिक माहौल और श्रमिकों को बेहतर सुरक्षा देना है।
उद्योगों को राहत और पारदर्शिता की व्यवस्था
नई व्यवस्था के तहत लाइसेंस प्रक्रियाएं आसान, निरीक्षण व्यवस्था पारदर्शी और डिजिटल प्लेटफॉर्म आधारित सेवाएं दी जाएंगी। निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट प्रणाली लागू की जाएगी। इससे उद्योगों का बोझ घटेगा और श्रमिकों के हित सुरक्षित रहेंगे।
किन अधिनियमों में बदलाव
अध्यादेश के तहत जिन कानूनों में संशोधन हुआ है, उनमें —
- उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम
- आबकारी अधिनियम
- शीरा अधिनियम
- गन्ना अधिनियम
- नगर निगम अधिनियम
- भूगर्भ जल अधिनियम
- औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम
- प्लास्टिक एवं अन्य जीव अनाशित कूड़ा कचरा अधिनियम
- सिनेमा अधिनियम
- पंचायत अधिनियम शामिल हैं।
उदाहरण:
- वृक्ष संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन: पहली बार ₹75,000, दोबारा ₹2 लाख जुर्माना।
- अग्नि सुरक्षा अधिनियम उल्लंघन: ₹5 लाख तक जुर्माना।
- औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम उल्लंघन: ₹25,000 तक जुर्माना।
- नगर निगम अधिनियम उल्लंघन: ₹5,000 तक जुर्माना।
- प्लास्टिक कचरा अधिनियम उल्लंघन: ₹75,000 तक जुर्माना।
- भूगर्भ जल प्रबंधन अधिनियम उल्लंघन: ₹5 लाख से ₹1 करोड़ तक जुर्माना।
समूह ‘क’ भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा अनिवार्य
कैबिनेट ने समूह ‘क’ पदों की सीधी भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा को मंजूरी दी है। 75% अंक स्क्रीनिंग परीक्षा से और 25% साक्षात्कार से जोड़कर अंतिम परिणाम घोषित किया जाएगा।
अयोध्या विकास के लिए ₹8,594 करोड़ निवेश
मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास पर जोर देते हुए कहा कि 2031 तक शहर की आबादी 24 लाख तक पहुंच जाएगी। इसके लिए नए टाउनशिप, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, एयरपोर्ट, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, होटल और सोलर प्लांट जैसे प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे। कुल 159 निवेश परियोजनाओं में ₹8,594 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।















