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“Know Fire – No Fire”: दीपावली पर सतर्कता और सुरक्षा का संदेश

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:

अलीगढ़, 14 अक्टूबर 2025 : दीपावली पर्व के नजदीक आते ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुकेश कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे त्योहार को उल्लासपूर्वक मनाएं, लेकिन आतिशबाजी करते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि “थोड़ी सी असावधानी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है”, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को “Know Fire – No Fire” के संदेश को आत्मसात करते हुए आग से सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए।

आतिशबाजी विक्रय और सुरक्षा नियम

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि विस्फोटक नियम 2008 के नियम 84 के अनुसार आतिशबाजी को केवल अज्वलनशील सामग्री से बने सुरक्षित शेड में ही रखा जाना चाहिए। इन शेडों के बीच कम से कम तीन मीटर और सुरक्षित कार्य स्थल से पचास मीटर की दूरी आवश्यक है। शेडों में खुली लौ, तेल या गैस के लैम्प का उपयोग वर्जित है।
विद्युत बत्तियों को दीवार या छत पर ही फिक्स किया जाए और प्रत्येक लाइन के लिए एक मुख्य स्विच की व्यवस्था रखी जाए। किसी भी आतिशबाजी शेड के 50 मीटर के दायरे में आतिशबाजी का प्रदर्शन निषिद्ध है। साथ ही किसी स्थान पर 50 से अधिक दुकानें लगाने की अनुमति नहीं होगी। हर विक्रय स्थल पर स्थानीय भाषा में “विस्फोटक या खतरनाक पदार्थ” का बोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

प्रतिबंधित आतिशबाजी

एण्टीमनी, लीथियम, आर्सेनिक, लेड, स्ट्रॉन्शियम क्रोमेट या बेरियम साल्ट जैसे हानिकारक रसायनों से बनी आतिशबाजी, और श्रृंखलाबद्ध पटाखों (लड़ी) की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध है। ऐसे पटाखे न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं।

अन्य आवश्यक निर्देश
  • 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आतिशबाजी केवल वयस्क की उपस्थिति में ही बेची जाए।
  • दुकानों में अधिक भीड़ न लगने दें ताकि पर्याप्त हैंडलिंग स्पेस बना रहे।
  • खुली आतिशबाजी का प्रदर्शन या बिक्री न करें।
  • दुकान के पास धूम्रपान, मोमबत्ती, लालटेन या किसी भी प्रकार की आग का स्रोत न रखें।
  • प्रत्येक दुकान में अग्निशामक यंत्र, पानी और बालू की बाल्टी अनिवार्य रूप से मौजूद हों।
क्या करें
  • केवल लाइसेंसधारक व विश्वसनीय विक्रेता से ही आतिशबाजी खरीदें।
  • आतिशबाजी किसी वयस्क के निर्देशन में करें।
  • पैकेट पर लिखे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
  • सुलगाने के लिए अगरबत्ती या मोमबत्ती का उपयोग करें।
  • अधजली आतिशबाजी को पानी में भिगोकर ही निस्तारित करें।
  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार केवल ग्रीन क्रैकर्स का प्रयोग करें।
क्या न करें
  • श्रृंखलाबद्ध या अत्यधिक ध्वनि वाले पटाखों का प्रयोग न करें।
  • रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच आतिशबाजी करना प्रतिबंधित है।
  • हाथ में पकड़कर पटाखे न जलाएं।
  • घरों या बंद स्थानों में आतिशबाजी से बचें।
  • पेड़ों, तारों या इमारतों के पास हवाई पटाखे न छोड़ें।
  • खराब पटाखों को दोबारा जलाने की कोशिश न करें।
  • नकली या अवैध पटाखों से बचें और बच्चों को अकेले आतिशबाजी न करने दें।
सुरक्षा का संदेश

मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि “सुरक्षा ही उत्सव का सच्चा आनंद है।” थोड़ी सी सावधानी और जिम्मेदारी से दीपावली को न केवल प्रकाश और खुशियों का त्योहार बनाया जा सकता है बल्कि सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल भी रखा जा सकता है।

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