अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अरबी विभाग में पुस्तक का विमोचन
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अरबी विभाग में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मोहम्मद वजीहउद्दीन की पुस्तक “द अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटीः द मेकिंग आॅफ मोडर्न इंडियन मुस्लिम” का विमोचन एक विशेष कार्यक्रम में किया गया। साथ ही जर्नल ऑफ द इंडियन अकादमी ऑफ अरबी के तीन नए अंक भी जारी किए गए।
एएमयू की कुलपति प्रो. नइमा खातून ने वजीहउद्दीन की लेखनी और पत्रकारिता के माध्यम से विश्वविद्यालय की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने की सराहना की। उन्होंने उन्हें एक विशिष्ट अलीग बताया, जिन्होंने एएमयू समुदाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. राहत अबरार ने बताया कि सर सैयद का दृष्टिकोण सभी समुदायों को समाहित करता था। वहीं प्रो. हकीम सैयद जिल्लूर रहमान ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में एएमयू के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और सर जियाउद्दीन जैसे उपेक्षित व्यक्तित्वों के योगदानों को फिर से देखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
वजीहउद्दीन ने कहा कि एएमयू केवल एक संस्थान नहीं बल्कि एक आंदोलन है, जिसने भारतीय मुसलमानों की कई पीढ़ियों को आकार दिया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि केवल प्रमाणपत्रों तक सीमित न रहें, बल्कि उर्दू और पुस्तकों के प्रति अपने प्रेम को बनाए रखें।
अरबी विभाग के अध्यक्ष प्रो. सना उल्लाह नदवी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया और पुस्तक के महत्व को रेखांकित किया। वहीं, प्रो. मोहम्मद फैजान बेग ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि एएमयू राष्ट्र के लिए एक खजाना है और इसकी परंपराओं को संरक्षित करना आवश्यक है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरफात जफर ने किया इस दौरान प्रो. सैयद कफील अहमद कासमी, प्रो. सगीर अफराहिम, बच्चन खान, डॉ. फखर आलम और प्रो. सैयद जियाउर रहमान सहित कई विद्वानों की उपस्थिति रही।
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एएमयू के डॉ. बी.आर. अंबेडकर हॉल में ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में नए दाखिला लेने वाले और डॉ. बी.आर. अंबेडकर हॉल में रहने वाले छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. रफीउद्दीन, डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर, ने शैक्षणिक उत्कृष्टता, व्यक्तिगत विकास और समुदाय में भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य भाषण प्रॉक्टर, प्रो. मोहम्मद वसीम अली ने दिया। उन्होंने छात्रों में अनुशासन, नैतिकता और जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर देते हुए एक जीवंत शैक्षणिक वातावरण में योगदान देने की अपील की।
मानद अतिथि, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के एडवोकेट शकील अहमद और एडवोकेट रिजवान अहमद ने अपने पेशेवर अनुभव साझा किए और छात्रों को निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. मोहम्मद तारिक, प्रोवोस्ट, डॉ. बी.आर. अंबेडकर हॉल के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने विशिष्ट अतिथियों और नए छात्रों का अभिवादन किया और छात्र जीवन में अनुशासन, एकता और समर्पण के महत्व पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सर सैयद अहमद खान और डॉ. भीमराव आंबेडकर के दृष्टिकोण का स्मरण कराया।
एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र एएमयू के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट अधिकारी साद हमीद ने आयोजित किया, जिसमें छात्रों को कैरियर विकास के अवसरों और कैंपस में उपलब्ध समर्थन प्रणाली की जानकारी दी गई।
प्रोग्राम प्रो. मोहम्मद तारिक, प्रोवोस्ट के मार्गदर्शन में और वार्डन्स प्रो. जफर अहमद खान, मोहम्मद इमरान, डॉ. महदी हयात शाही के निरीक्षण में आयोजित किया गया। इसके अलावा, कार्यक्रम संयोजक हम्माद खान और कार्यक्रम समन्वयक मोहम्मद शाहरान भी इसमें शामिल रहे।
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एएमयू प्रोफेसर द्वारा आरआरआईयूएम श्रीनगर में रुमैटॉइड आर्थराइटिस (गठिया) पर व्याख्यान
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी मेडिसिन संकाय के इलाज बित तदबीर विभाग के प्रो. मोहम्मद अनवर ने कश्मीर यूनिवर्सिटी, श्रीनगर में आयोजित छह दिवसीय कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) कार्यक्रम में दो व्याख्यान दिए। कार्यक्रम का आयोजन रीजनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन (आरआरआईयूएम) के तहत हुआ, और इसे केंद्रीय परिषद फॉर रिसर्च इन यूनानी मेडिसिन (सीसीआरयूएम), आयुष मंत्रालय के संरक्षण में आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य यूनानी मेडिसिन में पेशेवर ज्ञान और अकादमिक उत्कृष्टता बढ़ाना था।
पहले व्याख्यान में प्रो. अनवर ने इलाज-बित-तदबीर के संदर्भ में रुमैटॉइड आर्थराइटिस के निदान और प्रबंधन में हालिया प्रगति विषय पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आधुनिक डायग्नोस्टिक उपकरण और विकसित हो रही चिकित्सा पद्धतियाँ किस प्रकार यूनानी मेडिसिन के नियमित उपचार के तरीकों के साथ सहायक हो सकती हैं।
दूसरे व्याख्यान में उन्होंने मस्कुलोस्केलेटल रोगों के निदान और उनके प्रबंधन में इलाज-बित-तदबीर हस्तक्षेप की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सटीक निदान और मस्कुलोस्केलेटल रोगों के लिए इलाज-बिट-तदबीर तकनीकों का प्रदर्शन किया।
दोनों सत्रों को व्यापक सराहना मिली और पुराने ज्ञान और आधुनिक विधियों को जोड़कर क्रॉनिक रोग प्रबंधन पर सार्थक चर्चा हुई।
समापन समारोह में आरआरआईयूएम श्रीनगर की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. इरफात आरा ने प्रो. अनवर को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
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पैरामेडिकल कॉलेज में 2025-26 बैच के छात्रों लिए इन्डक्शन प्रोग्राम आयोजित
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल कॉलेज द्वारा 2025-26 सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए इन्डक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य छात्रों को विश्वविद्यालय की संस्कृति, शैक्षणिक संसाधन और पेशेवर अवसरों से परिचित कराना था।
प्रधानाचार्य प्रो. काजी एहसान अली ने छात्रों का स्वागत करते हुए अनुशासन, नियमित उपस्थिति और चरित्र निर्माण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों से अच्छी आदतें अपनाने और विश्वविद्यालय की सुविधाओं का पूर्ण लाभ लेने का आह्वान किया।
डॉ. मोहम्मद आमिर ने कॉलेज का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया, जिसमें शिक्षकगण, पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रणाली के साथ पैरामेडिकल विज्ञान में करियर के अवसर भी बताए।
अन्य फैकल्टी मेंबर्स, जिनमें डॉ. मोहम्मद अरफात, डॉ. निदा नवाज, डॉ. मोहसिन एजाज, इंशा फिरोज और गुफरान जलील शामिल हैं, ने पैरामेडिकल के विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध पेशेवर मांगों के बारे में जानकारी साझा की।
कार्यक्रम का संचालन फिजियोथैरेपी विभाग के गुफरान जलील ने किया।
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एएमयू कंप्यूटर साइंस विभाग में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए इन्डक्शन प्रोग्राम आयोजित
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग में बी.एससी. कंप्यूटर एप्लीकेशन्स, एमसीए और एम.एससी. साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल फॉरेंसिक्स कोर्सेज में दाखिला पानेवाले छात्रों के लिए दो दिवसीय इन्डक्शन प्रोग्राम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस प्रोग्राम का उद्देश्य छात्रों को एएमयू की शैक्षणिक संस्कृति, मूल्यों और वातावरण से परिचित कराना और विभागीय संसाधनों, समर्थन प्रणाली और उनके शैक्षणिक व पेशेवर विकास के अवसरों की जानकारी देना था।
पहले दिन एएमयू रजिस्ट्रार और विभाग के पूर्व अध्यक्ष, प्रो. आसिम जफर ने छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें एएमयू के प्रतिष्ठित विभाग में शामिल होने पर बधाई दी। उन्होंने छात्रों को अत्याधुनिक लैब, शोध सुविधाओं और प्लेसमेंट अवसरों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
विभागाध्यक्ष और एएमयू के डिप्टी प्रॉक्टर, प्रो. अरमान रसूल फरीदी ने छात्रों को विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक और आवासीय जीवन से परिचित कराया और विभिन्न क्लब व सोसाइटियों का परिचय दिया। उन्होंने एएमयू की एंटी-रैगिंग नीतियों, शिकायत निवारण प्रणाली और जेंडर सेंसिटाइजेशन पहल पर छात्रों को जागरूक किया और अनुशासन बनाए रखने और एएमयू की शैक्षणिक एवं सामाजिक परंपराओं का पालन करने के लिए प्रेरित किया।
अंतिम सत्र में डॉ. मोहम्मद नदीम, ट्रेनिंग और प्लेसमेंट अधिकारी, ने कंप्यूटर साइंस स्नातकों के करियर अवसर और प्लेसमेंट की जानकारी दी। उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी पाने के लिए आवश्यक कौशल सेट और वैश्विक अवसरों के लिए तैयारी करने की सलाह दी।
डॉ. फैसल अनवर, एनईपी सेल के असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर, ने छात्रों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) के लाभों के बारे में बताया और समझाया कि इसके प्रावधानों का उपयोग शैक्षणिक लचीलापन और करियर विकल्प बढ़ाने के लिए कैसे किया जा सकता है।
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एएमयू के डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज में फार्माकोविजिलेंस जागरूकता कार्यक्रम
अलीगढ़, 16 सितंबरः नेशनल फार्माकोविजिलेंस वीक 2025 के तहत डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में फार्माकोविजिलेंस जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों, छात्रों और चिकित्सकों को एडवर्स ड्रग रिएक्शन्स (एडीआर) की रिपोर्टिंग के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाना था।
सोशल वर्क विभाग (एमएसडब्ल्यू) के छात्रों ने डेंटल और मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में मरीजों से संवाद किया और दवाओं का सही उपयोग, महत्वपूर्ण सावधानियाँ और समय पर एडीआर रिपोर्टिंग का महत्व समझाया।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आर.के. तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दवाओं का सुरक्षित और तर्कसंगत उपयोग जन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। उन्होंने चिकित्सकों और मरीजों से लगातार एडीआर रिपोर्टिंग के माध्यम से नेशनल फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पहल को मजबूत करने के लिए डेंटल कॉलेज नियमित संवेदनशीलता सत्र आयोजित करेगा और सभी ओपीडी में एडीआर रिपोर्टिंग फॉर्म उपलब्ध कराएगा।
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एएमयू बायोटेक्नोलॉजी छात्रों ने प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फेलोशिप्स में सफलता प्राप्त की
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंटरडिसिप्लिनरी बायोटेक्नोलॉजी यूनिट (आईबीयू) के छात्रों ने इस शैक्षणिक वर्ष में राष्ट्रीय स्तर की उच्च प्रतिस्पर्धी फेलोशिप्स में सफलता प्राप्त कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया।
आईबीयू की कोऑर्डिनेटर प्रो. हिना यूनुस के अनुसार, विभाग के पांच छात्रों ने इस वर्ष सीएसआईआर-यूजीसी जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) परीक्षा में सफलता हासिल की। इनमें मोहम्मद माज (एआईआर 29), गुल-ए-जहरा (एआईआर 67), सना अंजुम (एआईआर 81), नैमा सैफी (एआईआर 90) और कैफ जमाल (एआईआर 172) शामिल हैं। इसके अलावा सफ्फाना सीरीन ने डीबीटी-बेट जेआरएफ (कैटेगरी प्रथम) पास की, जबकि सफ्फाना सीरीन और हसन महमूद अख्तर ने सीएसआईआर-यूजीसी नेट भी सफलतापूर्वक पास किया।
प्रो. हिना यूनुस ने विजेताओं को बधाई दी और उनके भविष्य के शोध प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ दी। उन्होंने बताया कि उनकी सफलता विभाग के मजबूत शैक्षणिक और अनुसंधान वातावरण को दर्शाती है।
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा 2025 के उपलक्ष में कई कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़, 16 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, स्कूलों और आवासीय हालों में स्वच्छता पखवाड़ा 2025 हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं जिनका उद्देश्य सफाई, स्वच्छता, पर्यावरण जागरूकता और नागरिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों, कर्मचारियों और निवासियों में मिल-जुल कर साफ-सुथरे और हरे-भरे कैंपस के लिए जिम्मेदारी का भाव पैदा करना था।
कॉमर्स विभाग में डीन प्रो. मोहम्मद आसिफ खान और प्रो. नगमा अजहर के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत अभियान के तहत सफाई अभियान आयोजित किया गया। स्टाफ और छात्रों ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए स्वच्छता और सफाई के महत्व को बढ़ावा दिया।
स्ट्रैटेजिक ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के फाइनल ईयर एमबीए छात्रों ने ग्रीन वर्कप्लेस इनिशिएटिव के तहत ‘फ्रॉम ट्रैश टू ट्रेजर’ नामक रचनात्मक कक्षा गतिविधि आयोजित की, जिसमें वे पुराने कार्यालय सामग्रियों को उपयोगी वस्तुओं में बदलकर नवाचार और स्थिरता का प्रदर्शन किया। प्रो. सलमा अहमद, चेयरपर्सन, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग और डॉ. आसिफ अली सैयद ने इस पहल की सराहना की।
सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी, हिस्ट्री विभाग ने स्वच्छता पखवाड़ा उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता शपथ से हुई, जिसका नेतृत्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर हसन इमाम ने किया। उन्होंने बताया कि स्वच्छता केवल बाहरी सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अनुशासन, जिम्मेदारी और पर्यावरण के प्रति सम्मान भी शामिल है। फैकल्टी मेंबर्स और स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारी की पुष्टि की और दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प लिया। विभाग के बाहरी लॉन में वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित किया गया, जो स्वच्छता, हरियाली और स्थिरता का प्रतीक था।
एएमयू गर्ल्स स्कूल ने 1 से 15 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। प्रधानाचार्य आमना मलिक, वाइस प्रिंसिपल अल्का अग्रवाल और कोऑर्डिनेटर जेबा नवाज के मार्गदर्शन में गतिविधियों में सामूहिक स्वच्छता शपथ, श्रमदान और प्लांटेशन ड्राइव, थीम आधारित पोस्टर और स्लोगन निर्माण शामिल थे। छात्रों और स्टाफ के बीच सोशल मीडिया अभियान और स्वच्छ भारत गान का प्रचार किया गया, साथ ही सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए अभियान चलाया गया।
एएमयू एबीके हाई स्कूल गर्ल्स ने भी 1 से 15 सितंबर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया, जिसमें स्वच्छता अभियान, शौचालयों की गहन सफाई, कक्षाओं और लैब्स का पुनर्गठन और ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम के तहत वृक्षारोपण शामिल था। वाइस प्रिंसिपल डॉ. सबा हसन ने छात्रों की उत्साही भागीदारी की सराहना की और कोऑर्डिनेटर डॉ. फरहत परवीन और इवेंट इंचार्ज मिस फखरा यासीन व जीशान नवाब के प्रयासों को मान्यता दी।
एएमयू सिटी गर्ल्स हाई स्कूल ने प्रधानाचार्य जावेद अखतर के नेतृत्व में भाग लिया। छात्रों और स्टाफ ने स्वच्छता शपथ ली। कैंपस में कनेर, तुलसी और एलोवेरा के पौधे लगाए गए, और कक्षा 1ए और 1बी के छात्रों ने अपने घरों से पौधे लाकर पौधों के महत्व पर जोर दिया। अरीबा और तूूबा कमाल द्वारा डिजाइन किया गया सेल्फी बूथ “क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया” का संदेश फैलाने में मदद करता है। कक्षा 6सी की विशेष सभा ने छात्रों को स्वच्छता और जीवन के हर क्षेत्र में सफाई बनाए रखने के महत्व के बारे में जानकारी दी। स्लोगन और पोस्टर प्रतियोगिता में छात्रों की रचनात्मकता दिखाई गई और एक सेमिनार में ई-वेस्ट प्रबंधन, आस-पड़ोस की सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व पर चर्चा की गई।
एएमयू एबीके हाई स्कूल बॉयज ने भी 1 से 15 सितंबर तक उत्साहपूर्वक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। 15 सितंबर को आयोजित समापन समारोह में विशेष सभा, भाषण, उद्धरण, जागरूकता वार्ता और स्वच्छता शपथ शामिल थे। श्रमदान के तहत छात्रों ने स्कूल परिसर की सफाई की। अंतिम गतिविधि “सिग्नेचर ऑन द वॉल” थी, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने दीवार पर स्वच्छता शपथ पर हस्ताक्षर किए और सेल्फी बूथ के पास अपने हस्ताक्षरों के साथ तस्वीर ली। प्रधानाचार्य डॉ. समीना ने कहा कि स्वच्छ वातावरण स्वस्थ और अनुशासित जीवन की पहली सीढ़ी है।
अहमदी स्कूल फॉर द विजुअली चैलेंज्ड ने 11 से 15 सितंबर तक इस कार्यक्रम में भाग लिया। इसमें सामूहिक शपथ, स्वच्छ भारत गान, स्वच्छता अभियान, स्वच्छता रैली और वृक्षारोपण शामिल थे। इससे दृष्टिबाधित छात्रों को जिम्मेदारी, टीम वर्क और आत्मनिर्भरता का अनुभव मिला। इस कार्यक्रम का समन्वयन रजिया बानो और बुशरा अब्बासी ने किया।
एएमयू सिटी गर्ल्स हाई स्कूल ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई, जिसमें स्वच्छता शपथ, कनेर, तुलसी और एलोवेरा के पौधों के साथ वृक्षारोपण और सेल्फी बूथ के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना शामिल था।
सेंट्रल ऑटोमोबाइल वर्कशॉप (सीएडब्ल्यू) में स्वच्छता पखवाड़ा प्रोफेसर मोहम्मद अली और डॉ. मोहम्मद यूनुस खान द्वारा स्वच्छता शपथ के साथ शुरू हुआ, इसके बाद कैंपस में सफाई अभियान और वृक्षारोपण ड्राइव आयोजित किया गया।
नेशनल सर्विस स्कीम यूनिट ने महिला कॉलेज गेट के पास क्विज, पर्यावरण व्याख्यान, वृक्षारोपण ड्राइव, सिग्नेचर अभियान और स्वच्छता शपथ जैसी गतिविधियों का आयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. फौजिया फरीदी के मार्गदर्शन में हुआ।
सरोजिनी नायडू हॉल ने सामूहिक शपथ, श्रमदान और वृक्षारोपण ड्राइव के साथ अभियान में भाग लिया। बेगम अजीजुन निसा हॉल ने हॉल परिसर में स्वच्छता शपथ और अभियान आयोजित किया।
विश्वविद्यालय ने सभी विभागों, स्कूलों और हॉल्स के छात्रों, स्टाफ और समन्वयकों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने एक स्वच्छ, हरा-भरा और
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सर सैयद हाल (नॉर्थ) में “तजदीद-ए-रिवायत – परंपराओं का पुनर्जीवन और संस्थापक का परिचय” कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़, 16 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सर सैयद हाल (नॉर्थ) में “तजदीद-ए-रिवायत – परंपराओं का पुनर्जीवन और संस्थापक का परिचय” शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सीनियर हाल आमिर सुहैल की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना और छात्रों को एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के जीवन एवं दृष्टिकोण से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में प्रो. विभा शर्मा (मेंबर इंचार्ज, पब्लिक रिलेशंस ऑफिस), डॉ. शारिक अकील (मुख्य चिकित्सा अधिकारी, यूनिवर्सिटी हेल्थ सर्विस), डॉ. राहत अबरार (पूर्व निदेशक, उर्दू अकादमी, एएमयू) और हाल के प्रोवोस्ट प्रो. आदम मलिक खान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सीनियर फूड मोहम्मद अबूजर ने भी सहयोग दिया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रो. विभा शर्मा ने कहा कि सर सैयद को याद करना केवल इतिहास को दोहराना नहीं, बल्कि उनके आधुनिक शिक्षा और सामाजिक सुधार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है।
डॉ. शारिक अकील ने कहा कि छात्र जीवन में परंपराओं का महत्व है। सर सैयद की विरासत हमें अनुशासन, सेवा और सामुदायिक भावना सिखाती हैकृये मूल्य कभी पुराने नहीं होते।
डॉ. राहत अबरार ने कहा कि हर पीढ़ी के अलीगों को सर सैयद के मिशन से जुड़ना चाहिए। ऐसे कार्यक्रम अतीत और वर्तमान के बीच पुल का काम करते हैं।
प्रोवोस्ट प्रो. आदम मलिक खान ने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल न केवल हाल के सांस्कृतिक और बौद्धिक वातावरण को समृद्ध करती है, बल्कि छात्रों को एएमयू के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित भी करती है।
कार्यक्रम के दौरान हाल की समृद्ध विरासत पर विचार-विमर्श, छात्रों के साथ संवाद और सर सैयद की शैक्षिक व सामाजिक दृष्टि पर चर्चा हुई। अंत में छात्रों ने एएमयू की परंपराओं, संस्कारों और मूल्यों को बनाए रखने की शपथ ली।
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एएमयू में भारत में फारसी साहित्य पर पाँच दिवसीय जीआईएएन (ज्ञान) कोर्स का शुभारंभ
अलीगढ़, 16 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फारसी विभाग में पाँच दिवसीय जीआईएएन (ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अकैडमिक नेटवर्किंग) कोर्स ‘ऐन अंडरस्टैंडिंग आॅफ द डायमेंशंस आॅफ पर्शियन लिटरेचर इन इंडिया का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन हिंद-फारसी विद्वता की विरासत और उसकी समकालीन प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एएमयू की कुलपति प्रो. नइमा खातून ने की। उन्होंने 1877 से फारसी विभाग की भूमिका की सराहना की और इस तरह के अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।
मुख्य अतिथि के रूप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने भाग लिया। उन्होंने फारसी भाषा और साहित्य के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को अंतःसांस्कृतिक शोध के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि जामिया ने उनके नेतृत्व में एनआईआरएफ 2024 की ओवरऑल रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त किया, जो उसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है।
इस अवसर पर प्रो. टी. एन. सतीसन (डीन, कला संकाय, एएमयू), प्रो. मोहम्मद काजिम खेदूई (यज्द यूनिवर्सिटी, ईरान के विद्वान और रिसोर्स), प्रो. एम. जहांगीर वारसी (स्थानीय जीआईएएन समन्वयक), प्रो. एस. एम. असद अली खुर्शीद (वरिष्ठ प्रोफेसर, फारसी विभाग) और प्रो. मोहम्मद उस्मान गनी (अध्यक्ष, फारसी विभाग) भी मंच पर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अतिथियों का सम्मान, स्मृति चिन्ह भेंट और एक विद्वत प्रकाशन का विमोचन किया गया। विशेष व्याख्यानों में फारसी भाषा को भारत और ईरान की बौद्धिक परंपराओं के बीच सेतु के रूप में प्रस्तुत किया गया।
कोर्स समन्वयक डॉ. मोहम्मद तौसीफ ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विश्वास व्यक्त किया कि प्रो. खेदूई के मार्गदर्शन में होने वाले सघन सत्र छात्रों और शोधार्थियों दोनों के लिए प्रेरणास्रोत होंगे।
समापन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मोहम्मद उस्मान गनी ने किया। उन्होंने कुलपति के सहयोग, अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति और आयोजन समिति की निष्ठा की सराहना की।
संचालन डॉ. मोहम्मद कमर आलम ने किया।















